नई दिल्ली, 15 सितंबर 2025। आम आदमी पार्टी (AAP) की स्टूडेंट विंग, एसोसिएशन ऑफ स्टूडेंट्स फॉर अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स (ASAP), ने इस साल दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (DUSU) चुनावों में प्रत्यक्ष रूप से हिस्सा न लेने का ऐलान किया है। यह फैसला डीयूएसयू चुनावों से महज पांच दिन पहले आया, जब 18 सितंबर को वोटिंग होनी है।
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AAP दिल्ली यूनिट के आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया गया कि ASAP किसी भी उम्मीदवार को मैदान में उतारेगी नहीं, लेकिन कुछ चुनिंदा कॉलेजों में “योग्य और सच्चे” उम्मीदवारों को समर्थन देगी। यह कदम पार्टी की लंबी अवधि की रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पैसे और बाहुबल की राजनीति से मुक्त छात्र संगठन बनाना है। ASAP के गठन के बाद से यह पहला बड़ा फैसला है, जो छात्रों के मुद्दों पर फोकस को दर्शाता है।
ASAP ने डीयूएसयू के बजाय कॉलेज स्तर के चुनावों पर जोर देने का प्लान बनाया है। हाल ही में संगठन ने इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंसेज (IGIPESS) जैसे दो कॉलेजों में बिना विरोध के जीत हासिल की, जहां पलक गुप्ता और अनुरृति यादव निर्विरोध चुनी गईं। AAP दिल्ली स्टेट प्रेसिडेंट सौरभ भारद्वाज ने बताया कि ASAP उन छात्रों का समर्थन करेगी जो आर्थिक तंगी के कारण चुनाव लड़ नहीं पाते, लेकिन योग्यता रखते हैं।
उम्मीदवारों को चयन के लिए 10 छात्रों (कॉलेज स्तर) या 50 छात्रों (डीयू स्तर) से समर्थन पत्र, एक मिनट का वीडियो और 200-500 शब्दों का एजेंडा जमा करना होगा। संगठन का लक्ष्य छात्रों के लिए फ्री मेट्रो कार्ड, हॉस्टल सुविधाएं, फीस में कमी जैसे मुद्दों पर काम करना है। भारद्वाज ने कहा, “हम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की तरह लोकतंत्र को मजबूत बनाना चाहते हैं, जहां योग्यता ही मापदंड हो, न कि पैसा।
ASAP के नेता मानते हैं कि डीयूएसयू में अभी मजबूत आधार न होने से प्रत्यक्ष भागीदारी का फायदा कम होगा, इसलिए, इस साल कॉलेजों में उपस्थिति बढ़ाकर अगले साल डीयूएसयू चुनावों में पूर्ण ताकत से उतरने की योजना है। संगठन ने अन्य यूनिवर्सिटी में भी विस्तार की बात कही है। AAP विधायक संजीव झा ने समर्थन देते हुए कहा, “यह साफ राजनीति की शुरुआत है, जहां नेतृत्व कौशल और मेरिट का महत्व होगा।” हालांकि, इस फैसले से ABVP, NSUI और AISA-SFI जैसे संगठनों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होगा, जहां 1.40 लाख छात्र वोट डालेंगे। ASAP का यह प्लान छात्र राजनीति में नई हवा ला सकता है, लेकिन चुनौतियां बरकरार हैं।
फैसले के साथ ही विवाद भी उठा। ASAP के एक सदस्य कमल तिवारी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया और आंतरिक जांच शुरू हो गई। AAP ने स्पष्ट किया कि जांच पूरी होने तक तिवारी से दूरी बनी रहेगी। यह घटना संगठन की आंतरिक एकता पर सवाल उठाती है। कुल मिलाकर, ASAP का यह प्लान छात्रों को सशक्त बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, जो पैसे की राजनीति को चुनौती देगा।
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