नई दिल्ली, 14 सितंबर 2025। Five Terrorists Arrested: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बड़ी आतंकी साजिश को विफल कर दिया है। केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर संचालित पैन-इंडिया ऑपरेशन में पांच संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया। ये आतंकी ‘गजवा-ए-हिंद’ नामक ISIS-प्रेरित मॉड्यूल से जुड़े थे, जिनका मकसद दिल्ली-एनसीआर में जिहाद छेड़ना था। पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिसमें दुबई और नेपाल में बड़ी मीटिंग की योजना शामिल है। यह साजिश आगामी त्योहारों के दौरान भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सिलसिलेवार धमाके करने की थी।
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आईईडी बनाने की सामग्री, हथियार और विस्फोटक पदार्थ जब्त
ये गिरफ्तारियां दिल्ली, मुंबई, झारखंड, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से हुईं। मुख्य आरोपी असरार दानिश (रांची, झारखंड) है, जो बीटेक पास है और मॉड्यूल का सरगना। उसने खुद को ‘CEO’ कोडनेम दिया था। अन्य सदस्यों में अशरफ दानिश (हैदराबाद), आफताब कुरैशी (मुंबई), सुफियान अबूबकर खान (मुंबई) और हुजैफा यमन (मध्य प्रदेश) शामिल हैं। इनके पास से आईईडी बनाने की सामग्री, हथियार और विस्फोटक पदार्थ बरामद हुए। पुलिस ने छह महीने तक इनकी डिजिटल गतिविधियों पर नजर रखी। मंगलवार को हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पर आफताब और सुफियान को हथियारों के साथ पकड़ा गया, जिसके बाद अन्य जगहों पर छापेमारी की गई।
साजिश का मास्टर प्लान
पूछताछ से पता चला कि ये आतंकी पाकिस्तानी हैंडलरों के इशारों पर काम कर रहे थे। उनका उद्देश्य भारत में इस्लामिक स्टेट (खिलाफत) स्थापित करना था। सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेलना, नए सदस्य भर्ती करना और ‘प्रोजेक्ट मुस्तफा’ के तहत हिंसक जिहाद छेड़ना प्लान था। दिल्ली में जमीन पर कब्जा कर आतंकी प्रशिक्षण केंद्र बनाने की तैयारी थी। आगामी त्योहारों जैसे दिवाली या ईद के दौरान बाजारों, मंदिरों और सार्वजनिक स्थानों पर धमाके कर अशांति फैलाने का इरादा था। पाकिस्तानी ISI से जुड़े हैंडलरों ने ‘गजवा-ए-हिंद’ मॉडल अपनाने का आदेश दिया, जो भारत पर इस्लामी हमले का प्रतीक है।
दुबई-नेपाल कनेक्शन
सबसे बड़ा खुलासा दुबई और नेपाल में होने वाली बड़ी मीटिंग का है। पूछताछ में आतंकियों ने बताया कि दुबई में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पाकिस्तानी हैंडलरों से संपर्क होता था, जहां हथियारों की खरीद-फरोख्त और साजिश की समीक्षा की जाती। नेपाल बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तानी आतंकी भारत में घुसपैठ करने की योजना बना रहे थे, जैसा कि अगस्त में बिहार में तीन जैश-ए-मोहम्मद आतंकियों की घुसपैठ का केस सामने आया। नेपाल में मीटिंग स्थल के रूप में चुना गया था, क्योंकि वहां से भारत में आसानी से प्रवेश संभव है।
दानिश ने स्वीकार किया कि दुबई से फंडिंग और निर्देश मिलते थे। नेपाल में प्रस्तावित मीटिंग में 10-15 सदस्यों के साथ हमलों की फाइनल प्लानिंग होनी थी। पुलिस को संदेह है कि यह नेटवर्क जैश-ए-मोहम्मद और ISIS से जुड़ा है।
सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता
यह कार्रवाई सेंट्रल एजेंसियों की टिप-ऑफ पर आधारित थी। स्पेशल सेल के एडिशनल CP प्रमोद सिंह कुशवाहा ने कहा कि मॉड्यूल पैन-इंडिया था और और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में विस्तार से जानकारी साझा की। विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया रेडिकलाइजेशन आतंकवाद की नई चुनौती है। नेपाल और दुबई जैसे पड़ोसी देशों में नेटवर्किंग रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी। यह घटना दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती दिखाती है, लेकिन जिहादी खतरों से सतर्क रहना होगा।
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