ग्रेटर नोएडा, 12 सितंबर 2025। Nikki Murder Case: ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में दहेज हत्या के इस सनसनीखेज मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। 21 अगस्त 2025 की शाम को विवाहिता निक्की (26 वर्षीय) की उसके ससुराल वालों द्वारा जिंदा जलाकर हत्या कर दी गई थी। दहेज की लालच में हुई इस क्रूर घटना के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और सभी नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन अब अदालती जंग तेज हो गई है।
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जिला न्यायालय की निचली अदालत (लोअर कोर्ट) ने गुरुवार को निक्की के पति विपिन भाटी, जेठ रोहित भाटी और ससुर सत्यवीर की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने घटना की गंभीरता और सबूतों की मजबूती को देखते हुए यह फैसला सुनाया। आरोपी पक्ष अब सेशन कोर्ट में जमानत के लिए नई याचिका दाखिल करने की तैयारी में जुटा हुआ है। घटना की पृष्ठभूमि बेहद दर्दनाक है। निक्की का विवाह दिसंबर 2016 में सिरसा गांव के विपिन भाटी से हुआ था। निक्की रूपबास गांव के भिखारी सिंह की छोटी बेटी थीं, जबकि उनकी बड़ी बहन कंचन का विवाह विपिन के बड़े भाई रोहित से हुआ था। शादी के बाद से ही ससुराल पक्ष द्वारा दहेज की मांग की जा रही थी।
सूत्रों के अनुसार, विपिन और उसके परिवार ने 35 लाख रुपये की मांग की थी, जो पूरी न होने पर विवाद बढ़ गया। 21 अगस्त को शाम के समय घर में ही निक्की पर हमला किया गया। आरोप है कि विपिन ने ज्वलनशील पदार्थ डालकर निक्की को आग के हवाले कर दिया, जबकि अन्य परिवारजन मौन साक्षी बने रहे। निक्की की चीखें सुनकर पड़ोसी पहुंचे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। निक्की को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।निक्की की बहन कंचन ने तुरंत कासना कोतवाली में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया।
FIR में पति विपिन, सास दया, जेठ रोहित और ससुर सत्यवीर को मुख्य आरोपी बनाया गया। पुलिस ने फौरन जांच शुरू की। पहले विपिन और सास दया को गिरफ्तार किया गया, फिर फरार जेठ रोहित को कासना के पास से और ससुर सत्यवीर को सिरसा टोल चौराहे से दबोचा गया। सभी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। जांच में पता चला कि घटना का एक कारण निक्की का इंस्टाग्राम पर रील्स बनाना भी था, जिसका ससुराल पक्ष विरोध करता था। सास दया का खुद इंस्टाग्राम अकाउंट होने के बावजूद यह विवाद बढ़ा।
पुलिस 30 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है, जबकि आरोपी पक्ष के गांव वाले विपिन की बेगुनाही के सबूत जुटा रहे हैं। उनका दावा है कि घटना के समय विपिन दुकान पर था। अदालत में जमानत सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने मजबूती से तर्क दिए। उन्होंने कहा कि यह दहेज हत्या का स्पष्ट मामला है, जिसमें सबूत मजबूत हैं। पीड़िता के परिवार ने भी जमानत का कड़ा विरोध किया। जज ने अपराध की बर्बरता को ध्यान में रखते हुए याचिका नामंजूर कर दी।
अब सेशन कोर्ट में सुनवाई होगी, जहां आरोपी पक्ष नई दलीलें पेश कर सकता है। यह मामला दहेज लोभ की कड़वी सच्चाई को उजागर करता है। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने भी इस पर संज्ञान लिया है और यूपी डीजीपी को रिपोर्ट मांगी है। निक्की की मौत ने समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ नई बहस छेड़ दी है। परिवार न्याय की उम्मीद में है, जबकि आरोपी जेल की सलाखों के पीछे हैं।
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