मेरठ, 12 सितंबर 2025। Police Raid in Meerut: उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में अवैध देह व्यापार के खिलाफ पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है। कबाड़ी बाजार स्थित रेड लाइट एरिया में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) ने दिल्ली के एक प्रमुख एनजीओ की शिकायत पर 4 कोठों पर सशक्त छापेमारी की। इस कार्रवाई में 21 युवतियों को मुक्त कराया गया, जबकि ग्राहकों समेत 10 युवकों को गिरफ्तार किया गया। छापे के दौरान कुछ संदिग्ध भी हिरासत में लिए गए, जिनसे पूछताछ जारी है। यह घटना मेरठ के सामाजिक हलकों में सनसनी फैला रही है और महिलाओं के शोषण के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने का संदेश दे रही है।
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पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) विपिन ताडा ने बताया कि दिल्ली स्थित ‘मिशन मुक्ति फाउंडेशन’ नामक एनजीओ ने एसएसपी कार्यालय को सूचना दी थी। एनजीओ ने शिकायत दर्ज कराई थी कि, कबाड़ी बाजार के बंद पड़े कोठों में फिर से अवैध गतिविधियां शुरू हो गई हैं। वहां नाबालिगों समेत कई युवतियों को जबरन देह व्यापार में धकेला जा रहा है। एनजीओ के सदस्यों ने गुप्त रूप से इलाके की रेकी की और सबूतों के साथ शिकायत की। इस पर एसएसपी ने तत्काल एएचटीयू की टीम गठित की और दिल्ली के एनजीओ वॉलंटियर्स के साथ संयुक्त कार्रवाई का आदेश दिया।
11 सितंबर 2025 को दोपहर में शुरू हुई छापेमारी के दौरान पुलिस टीम रेड लाइट एरिया पहुंची। बाहर से वीरान नजर आ रहे कोठों के अंदर घुसते ही नजारा चौंकाने वाला था। एक जीने की कुंडी खोलकर ऊपरी मंजिल पर चढ़ी टीम को 21 युवतियां मिलीं, जो विभिन्न राज्यों से लाई गई थीं। इनमें कुछ नाबालिग भी शामिल हैं। युवतियां डरी हुईं थीं और नशे के प्रभाव में लग रही थीं। पुलिस ने उन्हें तुरंत मुक्त कराया और प्राथमिक चिकित्सा प्रदान की। छापे के वक्त कुछ ग्राहक मौके पर थे, जिन्हें पकड़ लिया गया। कुल 10 युवक, जो ग्राहक बनकर आए थे, गिरफ्तार हुए। इसके अलावा, एक कोठा संचालिका और उसके दो सहयोगी भी हिरासत में हैं।
एसएसपी विपिन ताड़ा ने कहा, “एनजीओ की सूचना पर हमने तुरंत कार्रवाई की। कोठों से आपत्तिजनक सामग्री, नशीले पदार्थ और दस्तावेज बरामद हुए हैं। गिरफ्तार संदिग्धों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये युवतियां बंगाल, बिहार और नेपाल से ट्रैफिकिंग के जरिए लाई गई थीं। उन्हें नौकरी या बेहतर जीवन का लालच देकर फंसाया गया।” मुक्त युवतियों को फिलहाल नारी निकेतन भेज दिया गया है, जहां उनका मेडिकल परीक्षण और काउंसलिंग होगी। नाबालिगों के मामले को चाइल्ड वेलफेयर कमिटी को सौंपा जाएगा।
यह कार्रवाई मेरठ में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। पिछले कुछ वर्षों से कबाड़ी बाजार के कोठे सील होने के बाद भी अवैध धंधा पॉश इलाकों में फैल रहा था। एनजीओ ‘मिशन मुक्ति फाउंडेशन’ के संस्थापक ने कहा, “हमारी टीम ने महीनों से इस पर नजर रखी थी। पुलिस का सहयोग सराहनीय है। ऐसी कार्रवाइयों से शोषित महिलाओं को न्याय मिलेगा।” पुलिस ने मामले में आईपीसी की धारा 370 (ट्रैफिकिंग), 354 (महिलाओं पर अत्याचार) और POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। आगे जांच में बड़े गिरोह का पर्दाफाश होने की संभावना है।
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