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उत्तर प्रदेश में बाढ़ का तांडव, सैकड़ों गांव जलमग्न, आगरा-मथुरा में बस्तियां डूबीं
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. गंगा-यमुना के उफान से यूपी बेहाल: गांव टापू बने, फसलों को भारी नुकसान
लखनऊ, 8 सितंबर 2025। Flood in UP: उत्तर प्रदेश में मानसून की भारी बारिश और प्रमुख नदियों के उफान ने राज्य के कई हिस्सों में तबाही मचा दी है। गंगा, यमुना, शारदा, घाघरा और बेतवा जैसी नदियों के खतरे के निशान से ऊपर बहने से 43 जिलों में 2,500 से अधिक गांव जलमग्न हो चुके हैं, जिससे लगभग 9 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। आगरा और मथुरा जैसे शहरों में कॉलोनियां पानी में डूब गई हैं, और सैकड़ों गांव टापू बन गए हैं। इस प्राकृतिक आपदा ने फसलों, घरों और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया है।
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राज्य के 24 जिलों में 1,245 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया, जिससे 2.07 लाख लोग प्रभावित हुए और 33,000 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि जलमग्न हो गई। वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर, बलिया, प्रयागराज, औरैया, जालौन, हमीरपुर और बांदा में गंगा और यमुना नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। वाराणसी में गंगा का जलस्तर 71.262 मीटर के खतरे के निशान को पार कर 72.1 मीटर तक पहुंच गया, जिससे सभी घाट डूब गए और दशाश्वमेध घाट की आरती को ऊंचे स्थानों पर करना पड़ा। प्रयागराज में यमुना 86.04 मीटर और गंगा 86.03 मीटर पर पहुंच गई, जिससे 200 से अधिक गांव और 60 शहरी इलाके जलमग्न हो गए।
आगरा और मथुरा में हालात बदतर हैं, जहां सड़कों पर नावें चल रही हैं। मथुरा-मुरादाबाद जैसे क्षेत्रों में बस्तियां पानी में डूबी हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें 3,200 से अधिक नावों के साथ राहत कार्यों में जुटी हैं। सरकार ने 1,348 बाढ़ चौकियां, 347 राहत वितरण केंद्र और 1,039 आश्रय स्थल स्थापित किए हैं, जहां 91,000 से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया गया है। 6,536 खाद्य पैकेट और 76,632 लंच पैकेट वितरित किए गए हैं, साथ ही 1,29,571 क्लोरीन टैबलेट और 37,089 ओआरएस पैकेट पानीजनित बीमारियों को रोकने के लिए बांटे गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहत कार्यों की निगरानी के लिए 11 मंत्रियों को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा है। बाढ़ से 18 लोगों की मौत की खबर है, जिसमें बिजली गिरने, डूबने और सांप के काटने की घटनाएं शामिल हैं। 343 घर क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें से 327 पीड़ितों को मुआवजा दिया गया है। शाहजहांपुर में गर्रा और खननौत नदियों में अचानक पानी बढ़ने से 120 गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ है, जिसमें 1.45 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। सरकार ने 500 क्विंटल चारे का वितरण किया और 2,759 मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि 31 गांवों में कटाव का खतरा है, और 289 गांवों के संपर्क मार्ग बह गए हैं। बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए शारदा नहर की ड्रेजिंग जैसी परियोजनाओं ने कुछ हद तक नुकसान को कम किया है।
यह संकट उत्तर प्रदेश के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। सरकार और राहत टीमें दिन-रात काम कर रही हैं, लेकिन प्रभावित लोग अभी भी मुश्किल हालात में जी रहे हैं।
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