नई दिल्ली, सितंबर 2025। Vice President Election 2025: उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी ने अपनी जीत को लेकर पूर्ण आत्मविश्वास जताया है। गुवाहाटी में मीडिया से बातचीत में रेड्डी ने कहा, “मुझे इस चुनाव में 100% जीत का यकीन है। मैं जहां भी जाता हूं, वहां मुझे जबरदस्त समर्थन मिल रहा है।” 9 सितंबर को होने वाले इस चुनाव में रेड्डी का मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के वर्तमान राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से है। रेड्डी ने अपने बयान से न केवल विपक्षी गठबंधन का मनोबल बढ़ाया, बल्कि सियासी हलकों में भी चर्चा तेज कर दी।
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जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने खोला चुनाव का रास्ता
उपराष्ट्रपति चुनाव की जरूरत पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई 2025 को अचानक इस्तीफे के बाद पड़ी। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंपा था। हालांकि, विपक्ष ने उनके इस्तीफे को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का आरोप लगाया। संविधान के अनुच्छेद 68(2) के तहत, उपराष्ट्रपति के पद पर रिक्ति को छह महीने के भीतर भरा जाना अनिवार्य है। इसके लिए निर्वाचन आयोग ने 7 अगस्त को अधिसूचना जारी की, और 9 सितंबर को संसद भवन के कक्ष नंबर F-101 में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा।
इंडिया गठबंधन का मजबूत समर्थन
रेड्डी ने 21 अगस्त को नामांकन दाखिल किया, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, शरद पवार और डीएमके नेताओं सहित इंडिया गठबंधन के प्रमुख नेता उनके साथ थे। रेड्डी ने संविधान की रक्षा के लिए अपनी उम्मीदवारी को महत्वपूर्ण बताया और कहा, “महात्मा गांधी और डॉ. बी.आर. अंबेडकर भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया और सार्वभौमिक मताधिकार के पक्षधर थे।” हालांकि, YSR कांग्रेस के प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने NDA उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान किया, जिससे इंडिया गठबंधन को चुनौती मिल सकती है। फिर भी, रेड्डी ने कहा कि वे सभी सांसदों से समर्थन मांग रहे हैं।
NDA की ताकत और सियासी समीकरण
NDA के पास लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 130 सांसदों के साथ संख्यात्मक बढ़त है। YSR कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय दलों का समर्थन NDA की स्थिति को और मजबूत करता है। इसके बावजूद, रेड्डी ने निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर भरोसा जताया और कहा कि यह एक स्वायत्त संवैधानिक निकाय है। उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों (नामित सदस्यों सहित) के निर्वाचक मंडल द्वारा गुप्त मतदान के जरिए होता है। इस बार का चुनाव 1987 के बाद पहला असामयिक उपराष्ट्रपति चुनाव है, जो इसे और भी महत्वपूर्ण बनाता है।








