नई दिल्ली, 1 सितंबर 2025। Flood Threat in Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली में यमुना के तटवर्ती इलाकों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। यह इस मानसून सीजन में अब तक का सबसे अधिक पानी का बहाव है, जिसने प्रशासन और स्थानीय निवासियों की चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली के पुराने रेलवे ब्रिज (ओल्ड रेलवे ब्रिज) पर यमुना का जलस्तर 1 सितंबर को दोपहर 12 बजे 204.87 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी स्तर 204.5 मीटर से ऊपर है।
इसे भी पढ़ें- Flood Scare in Delhi: हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के पार
अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि अगले 36 से 48 घंटों में जलस्तर 206 मीटर तक पहुंच सकता है, जिसके बाद निचले इलाकों से लोगों को निकालने की प्रक्रिया शुरू होगी। हथिनीकुंड बैराज से पानी का यह भारी बहाव हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊपरी क्षेत्रों में हुई भारी बारिश के कारण है। हरियाणा के सिंचाई और जल संसाधन विभाग के अनुसार, बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए हैं ताकि बढ़ते जलस्तर को नियंत्रित किया जा सके। इस सीजन में पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा गया है, जिसे निम्न बाढ़ स्तर से कहीं अधिक माना जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह पानी 48 से 50 घंटों में दिल्ली पहुंचेगा, जिससे यमुना बाजार, कश्मीरी गेट, मजनू का टीला, और मायूर विहार जैसे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। दिल्ली सरकार और बाढ़ नियंत्रण विभाग ने स्थिति पर कड़ी नजर रखी है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार, यमुना का जलस्तर पहले ही खतरे के निशान 205.33 मीटर के करीब पहुंच चुका है। अगर जलस्तर 206 मीटर को पार करता है, तो निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
बाढ़ नियंत्रण विभाग ने नावों, अस्थायी आश्रयों, भोजन, स्वच्छ पानी और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था शुरू कर दी है। दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट (पूर्व) ने मायूर विहार में बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए हैं। पिछले अनुभवों को देखते हुए, 2023 में यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया था, जब हथिनीकुंड बैराज से 3.59 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। उस दौरान दिल्ली में भारी तबाही हुई थी, जिसमें हजारों लोग विस्थापित हुए और संपत्ति का भारी नुकसान हुआ। इस बार भी प्रशासन कोई जोखिम नहीं लेना चाहता।
भारी बारिश के कारण नदी में गाद और मलबे का जमाव भी बाढ़ के खतरे को बढ़ा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यमुना के बाढ़ क्षेत्रों में अतिक्रमण और अनियोजित निर्माण ने नदी के प्राकृतिक प्रवाह को बाधित किया है, जिससे बाढ़ का प्रभाव और गंभीर हो सकता है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी पूरी तरह सुरक्षित है और व्यापक बाढ़ की आशंका नहीं है। फिर भी, प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वालों को ऊंचे स्थानों पर जाने की सलाह दी है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी की है, जो स्थिति को और जटिल कर सकती है।
स्थानीय निवासियों में दहशत का माहौल है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां 2023 की बाढ़ ने भारी नुकसान पहुंचाया था। प्रशासन ने लोगों से नदी किनारे न जाने और अपने पशुओं को सुरक्षित रखने की अपील की है। यह स्थिति दिल्ली के लिए एक बड़ी चुनौती है, और प्रशासन की तत्परता ही इस संकट को कम करने में मदद कर सकती है।
इसे भी पढ़ें- Yamuna Authority: यमुना प्राधिकरण की बड़ी पहल, 34 सड़कों के निर्माण से हजारों प्लॉट आवंटियों को मिलेगी राहत