लखनऊ, 31 अगस्त 2025। बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को एक बार फिर से पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपकर सबको चौंका दिया है। हाल ही में, मायावती ने आकाश को राष्ट्रीय समन्वयक (नेशनल कोऑर्डिनेटर) के पद पर बहाल किया, साथ ही उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी भी घोषित किया।
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यह फैसला तब आया, जब कुछ समय पहले ही मायावती ने आकाश को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था, जिसके पीछे उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ का प्रभाव और पार्टी में समानांतर सत्ता संरचना बनाने का आरोप था। आकाश की वापसी के पीछे कई कारण हैं। सूत्रों के अनुसार, आकाश ने सार्वजनिक रूप से मायावती से माफी मांगी और अपने ससुर के प्रभाव से दूरी बनाने का वादा किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट के जरिए मायावती को अपना राजनीतिक गुरु बताया और पार्टी के लिए समर्पण का भरोसा दिलाया।
मायावती ने इसे देखते हुए उन्हें एक और मौका देने का फैसला किया, लेकिन शर्तों के साथ। आकाश को अब पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करना होगा और ससुर के प्रभाव से पूरी तरह मुक्त रहना होगा। BSP के भीतर यह कदम मायावती की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। पार्टी का वोट शेयर हाल के चुनावों में घटा है, और दलित युवाओं का एक बड़ा वर्ग चंद्रशेखर आजाद जैसे नए नेताओं की ओर आकर्षित हो रहा है। आकाश की युवा छवि और शिक्षा (लंदन से MBA) पार्टी को नई ऊर्जा दे सकती है।
उनकी वापसी से मायावती BSP के कोर वोटर बेस, खासकर जाटव और दलित समुदाय, में विश्वास बहाल करना चाहती हैं। हालांकि, आकाश की राह आसान नहीं होगी। उनकी पिछली गलतियों, जैसे 2024 के लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ BJP के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का उपयोग, जिसके लिए उन पर मुकदमा दर्ज हुआ था, ने उनकी परिपक्वता पर सवाल उठाए थे।
इसके अलावा, पार्टी की पुरानी पीढ़ी और नए नेतृत्व के बीच तनाव भी एक चुनौती है। मायावती ने स्पष्ट किया है कि वह जीवित रहते हुए उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं करेंगी, जिससे आकाश की स्थिति अभी भी अनिश्चित है। फिर भी, उनकी वापसी से BSP में नई हलचल की उम्मीद है।
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