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Sambhal Violence Investigation: हिंदू-मुस्लिम आबादी में बदलाव को ठहराया गया जिम्मेदार

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Sambhal Violence Investigation

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संभल, 29 अगस्त 2025। Sambhal Violence Investigation: उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक पैनल ने अपनी 450 पेज की रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी। इस रिपोर्ट में संभल की जनसांख्यिकीय संरचना में आए भारी बदलाव को हिंसा का एक प्रमुख कारण बताया गया है।

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पैनल के अनुसार, स्वतंत्रता के समय संभल नगर पालिका क्षेत्र में हिंदू आबादी 45% और मुस्लिम आबादी 55% थी, जो अब घटकर हिंदू 15-20% और मुस्लिम 85% हो गई है। इस बदलाव को बार-बार होने वाली सांप्रदायिक हिंसा और “तुष्टिकरण की राजनीति” से जोड़ा गया है।

हिंसा तब भड़की जब शाही जामा मस्जिद के पुरातात्विक सर्वेक्षण के लिए अदालत के आदेश पर ASI की टीम पहुंची। दावा किया गया कि मस्जिद का निर्माण मुगल काल में एक हिंदू मंदिर को तोड़कर किया गया था। सर्वेक्षण के दौरान स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध शुरू किया, जो जल्द ही हिंसक हो गया।

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प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, वाहनों में आग लगा दी, और गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में गोलीबारी की, जिसमें चार प्रदर्शनकारी मारे गए। इस घटना के बाद 12 FIR दर्ज की गईं और 80 लोगों को गिरफ्तार किया गया। SIT ने 4,000 पेज का आरोप पत्र दाखिल किया, जिसमें 159 लोगों को आरोपी बनाया गया। बरामद हथियारों में यूके, यूएस और जर्मनी में बने हथियार शामिल थे।

रिपोर्ट में कहा गया कि संभल में 1947 के बाद से 15 सांप्रदायिक दंगे हुए, जिनमें हिंदू समुदाय को मुख्य रूप से नुकसान उठाना पड़ा। ये दंगे 1948, 1953, 1958, 1962, 1976, 1978, 1980, 1990, 1992, 1995, 2001 और 2019 में हुए। पैनल ने दावा किया कि इन दंगों ने हिंदू आबादी के पलायन को बढ़ावा दिया, जिससे जनसांख्यिकीय असंतुलन बढ़ा। वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने इसे “हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार” का परिणाम बताया, और कहा कि संभल में हरिहर मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों को जबरन परिवर्तित किया गया।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि संभल में हाल के वर्षों में आतंकी संगठनों जैसे अल-कायदा और हरकत-उल-मुजाहिदीन की गतिविधियां बढ़ी हैं। हालांकि, कुछ संगठनों ने इस रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं, दावा किया कि यह हिंसा को बढ़ावा देने का प्रयास हो सकता है। मुख्यमंत्री ने जांच के आधार पर कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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