नई दिल्ली, 26 अगस्त 2025। भारतीय क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने 24 अगस्त 2025 को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर सभी को चौंका दिया। 37 वर्षीय पुजारा, जो अपनी रक्षात्मक बल्लेबाजी और लंबी पारियों के लिए जाने जाते थे, ने 103 टेस्ट मैचों में 7,195 रन बनाए, जिसमें 19 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं।
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उनका आखिरी टेस्ट 2023 में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ था। लेकिन संन्यास का उनका फैसला केवल व्यक्तिगत प्रदर्शन या चयन से बाहर होने तक सीमित नहीं था; इसके पीछे एक प्रेरणादायक और निस्वार्थ कारण था।पुजारा ने संन्यास की घोषणा करते हुए कहा कि वह सौराष्ट्र के युवा खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी और अन्य घरेलू टूर्नामेंटों में मौका देना चाहते हैं।
उन्होंने बताया कि यह फैसला उन्होंने एक सप्ताह की गहन सोच के बाद लिया, क्योंकि वह चाहते थे कि युवा प्रतिभाएं जल्द से जल्द तैयार हों और भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाएं। पुजारा का यह कदम उनकी निस्वार्थता और खेल के प्रति समर्पण को दर्शाता है। पुजारा का करियर शानदार रहा। 2010 में टेस्ट डेब्यू के बाद उन्होंने भारत की 2018-19 और 2020-21 की ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीत में अहम भूमिका निभाई।
2018-19 में उन्होंने 521 रन बनाए, जिसमें तीन शतक शामिल थे, और 1258 गेंदों का सामना किया। उनकी धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को थका दिया। इसके बावजूद, पिछले दो वर्षों में भारतीय टेस्ट टीम में उनकी जगह नहीं बनी, और बीसीसीआई ने युवा खिलाड़ियों पर ध्यान देना शुरू किया।
पुजारा ने रणजी ट्रॉफी में सौराष्ट्र के लिए 402 रन और काउंटी क्रिकेट में ससेक्स के लिए 501 रन बनाए, फिर भी डुलीप ट्रॉफी और टेस्ट टीम में जगह नहीं मिली। इससे यह स्पष्ट हो गया कि चयनकर्ता नई पीढ़ी को मौका देना चाहते हैं। पुजारा ने इसे समझा और युवाओं के लिए रास्ता खाली करने का फैसला किया।
उनका यह निर्णय भारतीय क्रिकेट के लिए एक मिसाल है। पुजारा ने न केवल मैदान पर, बल्कि मैदान के बाहर भी अपनी महानता दिखाई। उनके इस फैसले से युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी, और प्रशंसकों में उनकी इज्जत और बढ़ जाएगी।
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