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भारत-पाक क्रिकेट और राजनीतिक विवाद
नई दिल्ली, 24 अगस्त 2025। Indo-Pak Match: हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच को लेकर सियासी तूफान खड़ा हो गया है। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए दावा किया कि यह मैच बीसीसीआई सचिव और आईसीसी अध्यक्ष जय शाह के इशारे पर आयोजित किया जा रहा है।
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ठाकरे ने सवाल उठाया कि जब दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है, खासकर हाल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद, तब इस मैच को मंजूरी कैसे दी गई? यह विवाद एशिया कप के संदर्भ में सामने आया है, जहां भारत और पाकिस्तान की टीमें आमने-सामने होंगी। इस लेख में, हम इस विवाद के विभिन्न पहलुओं और इसके राजनीतिक निहितार्थों पर चर्चा करेंगे।
उद्धव ठाकरे का बीजेपी पर हमला
उद्धव ठाकरे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी पर तीखा हमला बोला और पूछा, “जब देश में आतंकी हमले हो रहे हैं, तब भारत-पाक क्रिकेट मैच को अनुमति कैसे दी जा सकती है?” उन्होंने जय शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि यह फैसला सिर्फ आर्थिक लाभ के लिए लिया गया है, क्योंकि भारत-पाक मैच से भारी कमाई होती है। ठाकरे ने बीजेपी पर देश की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया और कहा कि यह फैसला राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि जय शाह, जो गृह मंत्री अमित शाह के बेटे हैं, अपनी स्थिति का दुरुपयोग कर रहे हैं। यह बयान विपक्षी दलों के उस रुख को दर्शाता है, जिसमें वे बीजेपी पर परिवारवाद और सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाते रहे हैं। पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने भारत-पाक संबंधों को और तनावपूर्ण बना दिया है। ऐसे में क्रिकेट मैच की मंजूरी को लेकर कई लोग सवाल उठा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कुछ यूजर्स का कहना है कि जय शाह का फैसला केवल व्यावसायिक हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है, क्योंकि भारत-पाक मैच दुनिया भर में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले खेल आयोजनों में से एक हैं। दूसरी ओर, बीजेपी समर्थकों का कहना है कि क्रिकेट और राजनीति को अलग रखना चाहिए और यह मैच खेल भावना को बढ़ावा देगा।
हालांकि, बीसीसीआई या जय शाह की ओर से इस मुद्दे पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। यह विवाद न केवल खेल, बल्कि भारत-पाक संबंधों और बीजेपी की छवि पर भी सवाल उठा रहा है।
खेल या राजनीति?
भारत-पाक क्रिकेट मैच को लेकर उठा यह विवाद खेल और राजनीति के बीच की जटिल कड़ी को उजागर करता है। उद्धव ठाकरे का बयान और जय शाह पर लगाए गए आरोप इस बात की ओर इशारा करते हैं कि क्रिकेट जैसे लोकप्रिय खेल भी राजनीतिक विवादों से अछूते नहीं रह सकते। यह देखना दिलचस्प होगा कि बीसीसीआई और सरकार इस विवाद पर क्या रुख अपनाते हैं और क्या यह मैच निर्धारित समय पर होगा।
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