Home » ताजा खबरें » उत्‍तर प्रदेश » Corpus Fund: 50 करोड़ का कॉर्पस फंड, वकीलों के कल्याण की दिशा में बड़ा कदम

Corpus Fund: 50 करोड़ का कॉर्पस फंड, वकीलों के कल्याण की दिशा में बड़ा कदम

Share :

Corpus Fund

Share :

  • न्यायपालिका: सुशासन की रीढ़, सीएम योगी की कॉर्पस फंड घोषणा
  • सीएम योगी का ऐलान: न्यायपालिका को सशक्त करेगा नया फंड
  • सुशासन और न्याय: उत्तर प्रदेश में 50 करोड़ की पहल

लखनऊ, 24 अगस्त 2025। Corpus Fund: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में न्यायपालिका को सुशासन का रक्षक बताते हुए एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य विधिज्ञ परिषद (संघ) को 50 करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड प्रदान किया जाएगा। यह घोषणा लखनऊ में आयोजित एक समारोह के दौरान की गई, जिसमें सीएम योगी ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता और इसके सुशासन में योगदान की सराहना की।

इसे भी पढ़ें- CM Yogi: योगी सरकार का सख्त एक्शन, औरैया के SDM सस्पेंड, रिश्वत का लिफाफा लेते CCTV में हुए थे कैद

इस फंड का उद्देश्य वकीलों के कल्याण, कानूनी सहायता और न्यायिक प्रणाली को मजबूत करना है। यह कदम न केवल वकील समुदाय के लिए बल्कि समग्र रूप से समाज में न्याय और सुशासन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस लेख में, हम इस घोषणा के महत्व, इसके प्रभाव और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे।

वकीलों के कल्याण और न्यायिक प्रणाली की मजबूती

सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि न्यायपालिका समाज में सुशासन और समानता सुनिश्चित करने का आधार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एक मजबूत और स्वतंत्र न्यायिक प्रणाली के बिना सुशासन की कल्पना नहीं की जा सकती। इस दिशा में, 50 करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड वकील समुदाय के लिए एक बड़ा कदम है। इस फंड का उपयोग वकीलों के लिए कल्याणकारी योजनाओं, जैसे स्वास्थ्य बीमा, पेंशन, और कानूनी सहायता कार्यक्रमों को लागू करने में किया जाएगा। इसके अलावा, यह फंड ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने में भी मदद करेगा, ताकि गरीब और वंचित वर्ग को भी न्याय मिल सके।

सीएम योगी ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में न्यायिक प्रक्रियाओं को तेज करने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए, ई-कोर्ट और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से मुकदमों की सुनवाई को तेज किया गया है। इस कॉर्पस फंड से वकीलों को प्रशिक्षण और तकनीकी संसाधन उपलब्ध कराने में भी मदद मिलेगी, जिससे वे आधुनिक न्यायिक प्रणाली के साथ तालमेल बिठा सकें। यह घोषणा वकील समुदाय में उत्साह पैदा करने के साथ-साथ न्यायपालिका के प्रति जनता का विश्वास बढ़ाने में भी सहायक होगी।

सुशासन और भविष्य की संभावनाएं

सीएम योगी ने अपने संबोधन में बार-बार सुशासन और कानून के शासन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराध और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में न्यायपालिका की भूमिका अहम रही है। इस कॉर्पस फंड के माध्यम से सरकार का लक्ष्य वकीलों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त करना है, ताकि वे बिना किसी दबाव के अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें। यह कदम विशेष रूप से उन युवा वकीलों के लिए लाभकारी होगा, जो आर्थिक तंगी के कारण अपनी प्रैक्टिस में कठिनाइयों का सामना करते हैं।

इसके अलावा, यह फंड उत्तर प्रदेश में कानूनी शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा। सीएम योगी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के न्याय मिले। इस दिशा में, ग्रामीण क्षेत्रों में कानूनी जागरूकता शिविर और मुफ्त कानूनी सहायता केंद्र स्थापित किए जाएंगे। यह कदम न केवल वकील समुदाय के लिए बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए एक सकारात्मक बदलाव लाएगा।

न्यायपालिका और सुशासन की दिशा में एक कदम

सीएम योगी की यह घोषणा उत्तर प्रदेश में न्यायपालिका को मजबूत करने और सुशासन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 50 करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड न केवल वकीलों के कल्याण में योगदान देगा, बल्कि यह समाज में न्याय की पहुंच को भी सुनिश्चित करेगा। यह कदम उत्तर प्रदेश सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें कानून का शासन और सुशासन सर्वोपरि है। भविष्य में, इस फंड के प्रभावी उपयोग से न केवल वकील समुदाय सशक्त होगा, बल्कि पूरे राज्य में न्यायिक प्रणाली और मजबूत होगी।

इसे भी पढ़ें- CM Yogi: सपा से निष्कासन के बाद सीएम योगी से मिलीं पूजा पाल, लगने लगे सियासी कयास

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
News Portal Development Services in Uttar Pradesh
Cricket Score
सबसे ज्यादा पड़ गई
Share Market

शहर चुनें

Follow Us