लखनऊ, 21 अगस्त 2025। लखनऊ में एक विवादित पोस्टर ने सियासी हलचल मचा दी है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण की तस्वीर के एक तरफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी और दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव को दिखाया गया है। इस पोस्टर में ‘वोट चोरी के खिलाफ युद्ध’ का नारा लिखा है, जो 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं को लेकर चल रहे विवाद से जोड़ा जा रहा है।
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पोस्टर शहर के प्रमुख चौराहों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर वायरल हो गया है, जिसने सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच तनातनी बढ़ा दी है।पोस्टर में राहुल और अखिलेश को श्रीकृष्ण के साथ दिखाने का मकसद विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की एकता और मतदाता सूची में कथित हेरफेर के खिलाफ उनकी साझा लड़ाई को दर्शाना है।
अखिलेश ने हाल ही में दावा किया था कि सपा ने 18,000 शपथपत्रों के साथ चुनाव आयोग को कुछ समुदायों के वोटरों के नाम हटाने की शिकायत दी थी। राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका का समर्थन किया और पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की चुप्पी पर सवाल उठाए। पोस्टर में श्रीकृष्ण का चित्रण ‘न्याय के प्रतीक’ के रूप में किया गया है, जो इस विवाद को धार्मिक और भावनात्मक रंग देता है।
बीजेपी ने इस पोस्टर को ‘हिंदू भावनाओं का अपमान’ करार दिया और इसे विपक्ष की हताशा का नमूना बताया। पार्टी प्रवक्ता ने कहा, “श्रीकृष्ण जैसे पवित्र प्रतीक का राजनीतिक लाभ के लिए दुरुपयोग शर्मनाक है।” दूसरी ओर, सपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इसे जनता को जगाने का प्रयास बताया। लखनऊ पुलिस ने पोस्टर लगाने वालों की तलाश शुरू कर दी है और इसे सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला माना है। इस घटना ने उत्तर प्रदेश में आगामी उपचुनावों से पहले सियासी माहौल को और गर्म कर दिया है।
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