लखनऊ, 21 अगस्त 2025। Deputy CM: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने एक अनोखा कदम उठाते हुए सरकारी लक्जरी फॉर्च्यूनर SUV को छोड़ दिया है और अब सामान्य गाड़ी से अपने दैनिक कार्यों के लिए निकल रहे हैं। यह फैसला उनकी सादगी और जनता के प्रति जवाबदेही के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस खबर ने तूल पकड़ा, जहां लोगों ने उनकी इस पहल की सराहना की।
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हालांकि, यह गाड़ी उनकी Z-प्लस सुरक्षा के मानकों को पूरी तरह से पूरा नहीं करती, फिर भी पाठक ने इस बदलाव को अपनाकर एक मिसाल कायम की है।ब्रजेश पाठक, जो स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और परिवार कल्याण विभाग के कैबिनेट मंत्री भी हैं, ने यह निर्णय वीआईपी संस्कृति को कम करने और जनता के बीच सादगी का संदेश देने के लिए लिया। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने सरकारी फॉर्च्यूनर और अन्य लक्जरी वाहनों को वापस कर दिया और अब एक सामान्य SUV का उपयोग कर रहे हैं।
इस कदम का मकसद सरकारी संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग और जनता के साथ सीधा जुड़ाव स्थापित करना बताया जा रहा है। X पर एक यूजर ने लिखा, “ब्रजेश पाठक ने सादगी की मिसाल पेश की है, जो अन्य नेताओं के लिए प्रेरणा है।”पाठक का यह कदम तब और चर्चा में आया, जब हाल ही में उनके काफिले की एक गाड़ी द्वारा बरेली में दो बाइक सवारों को टक्कर मारने की घटना सामने आई थी।
इस हादसे के बाद उन्होंने वीआईपी संस्कृति पर सवाल उठाने वालों को जवाब देने के लिए यह कदम उठाया। पाठक ने पहले भी अपने औचक निरीक्षणों और सख्त प्रशासनिक रवैये से सुर्खियां बटोरी हैं। उदाहरण के लिए, झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना के बाद उन्होंने निरीक्षण के दौरान चूने का छिड़काव और पुष्पगुच्छ जैसी औपचारिकताओं पर रोक लगाने का आदेश दिया था, ताकि अस्पतालों में सफाई और सेवा पर ध्यान दिया जाए।
उनके इस फैसले ने विपक्षी दलों को भी जवाब देने का मौका दिया। समाजवादी पार्टी (सपा) ने पहले उन पर व्यक्तिगत टिप्पणियां की थीं, जिसका पाठक ने कड़ा जवाब दिया था। उनके इस कदम को सपा के हमलों का जवाब देने की रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है। पाठक ने कहा, “हमारी सरकार में कानून का राज है, और जनता की सेवा हमारा पहला लक्ष्य है।” यह कदम न केवल उनकी छवि को जन-नेता के रूप में मजबूत करता है, बल्कि BJP की आम कार्यकर्ता से शीर्ष नेतृत्व तक की कार्यसंस्कृति को भी दर्शाता है।
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