लखनऊ, 20 अगस्त 2025। Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में खाद की कमी ने किसानों के लिए गंभीर संकट खड़ा कर दिया है। पूरे प्रदेश में उर्वरक की अनुपलब्धता के कारण किसानों की परेशानियां बढ़ गई हैं। कई जिलों में खाद की दुकानों पर लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं, लेकिन स्टॉक खत्म होने से किसान खाली हाथ लौट रहे हैं। इस स्थिति ने किसानों के बीच आक्रोश को जन्म दिया है, जिसके चलते कई जगहों पर उग्र प्रदर्शन हुए।
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प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। कुछ क्षेत्रों में स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लिया गया।किसानों का कहना है कि खाद की कमी के कारण उनकी फसलों को समय पर उर्वरक नहीं मिल पा रहा है, जिससे फसल की पैदावार पर बुरा असर पड़ रहा है।
खासकर रबी सीजन की बुआई के समय यह संकट और गंभीर हो गया है। कई किसानों ने आरोप लगाया कि खाद की कालाबाजारी हो रही है, जिसके कारण जरूरतमंद किसानों तक उर्वरक नहीं पहुंच पा रहा। कुछ जगहों पर खाद की कीमतें भी सामान्य से अधिक बताई जा रही हैं। वहीं, कृषि विभाग ने इस संकट को लेकर सफाई दी है। विभाग के अधिकारियों का दावा है कि प्रदेश में खाद का स्टॉक अगले दस दिनों के लिए पर्याप्त है और जल्द ही आपूर्ति को और बेहतर किया जाएगा।
अधिकारियों ने यह भी कहा कि खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि, किसानों ने विभाग के इस दावे पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि अगर स्टॉक पर्याप्त है, तो फिर दुकानों पर खाद क्यों नहीं मिल रहा? कई किसानों ने मांग की है कि सरकार इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करे और खाद की आपूर्ति को सुचारु करे। प्रदेश के कई हिस्सों जैसे लखनऊ, कानपुर, मेरठ और वाराणसी में किसानों ने स्थानीय प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किए। कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने खाद वितरण केंद्रों को घेर लिया और अधिकारियों से जवाब मांगा।
पुलिस के लाठीचार्ज से कई किसानों को चोटें भी आईं, जिसने स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया। किसान संगठनों ने इस मामले में सरकार की चुप्पी पर नाराजगी जताई है और आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी है। कृषि विभाग ने किसानों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि केंद्र सरकार के साथ मिलकर खाद की आपूर्ति बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन किसानों का कहना है कि केवल आश्वासनों से काम नहीं चलेगा, उन्हें तत्काल खाद चाहिए। इस संकट ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र की चुनौतियों को उजागर कर दिया है।
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