अमेरिका, 16 अगस्त 2025। Russia–Ukraine War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अलास्का के एंकोरेज में एक महत्वपूर्ण शिखर वार्ता की। इस मुलाकात को रूस-यूक्रेन युद्ध, जो फरवरी 2022 से जारी है, को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस बैठक के बाद ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और नाटो नेताओं के साथ फोन पर चर्चा की, जिसने युद्धविराम की संभावनाओं को और बल दिया है।
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क्या यह युद्ध, जिसने लाखों लोगों को प्रभावित किया और हजारों की जान ली, अब अपने अंत की ओर बढ़ रहा है?शुक्रवार को अलास्का में हुई ट्रंप-पुतिन वार्ता में दोनों नेताओं ने युद्ध को समाप्त करने के लिए कई मुद्दों पर सहमति जताई। ट्रंप ने इसे “बेहद सार्थक” और “प्रगतिशील” बताया, हालांकि कोई औपचारिक समझौता नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अंतिम फैसला यूक्रेन और जेलेंस्की पर निर्भर है। इस बैठक में ट्रंप के साथ विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ जैसे वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे, जबकि पुतिन के साथ विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलूसोय मौजूद थे।
पुतिन ने सुझाव दिया कि अगली मुलाकात मॉस्को में हो, जिस पर ट्रंप ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी।ट्रंप ने पुतिन के साथ चर्चा के बाद जेलेंस्की से फोन पर बात की। जेलेंस्की ने इसे “सार्थक” बताते हुए कहा कि उन्होंने शांति के लिए कूटनीतिक, सैन्य और आर्थिक पहलुओं पर चर्चा की। जेलेंस्की ने जोर दिया कि यूक्रेन बिना शर्त युद्धविराम के लिए तैयार है, लेकिन रूस को हिंसा रोकनी होगी।
उन्होंने तुर्की, वेटिकन और स्विट्जरलैंड जैसे तटस्थ स्थानों पर बातचीत की संभावना पर भी विचार किया। जेलेंस्की ने अमेरिकी समर्थन की सराहना की और कहा कि रूस पर कड़े प्रतिबंध ही स्थायी शांति ला सकते हैं।ट्रंप ने नाटो नेताओं, जैसे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज से भी बात की। नाटो ने रक्षा खर्च को 2035 तक जीडीपी का 5% करने का फैसला लिया, जो रूस की आक्रामकता पर अंकुश लगाने में मदद करेगा।
ट्रंप ने नाटो की सामूहिक रक्षा गारंटी (आर्टिकल 5) का समर्थन दोहराया, जिससे गठबंधन में विश्वास बढ़ा।हालांकि, जेलेंस्की की अनुपस्थिति कुछ वार्ताओं में चिंता का विषय रही। यूक्रेन और यूरोपीय नेताओं ने कहा कि बिना यूक्रेन की सहमति के कोई समझौता प्रभावी नहीं होगा। पुतिन ने युद्ध के “मूल कारणों” को हल करने की बात कही, जबकि ट्रंप ने “जमीन की अदला-बदली” जैसे विचारों का जिक्र किया। क्या ये कदम शांति की ओर ले जाएंगे या केवल कूटनीतिक देरी हैं, यह समय बताएगा।
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