नई दिल्ली, 16 अगस्त 2025। Irfan Pathan Revelation: पूर्व भारतीय ऑलराउंडर इरफान पठान ने हाल ही में 2009 के न्यूजीलैंड दौरे को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की वजह से उन्हें उस दौरे के लिए भारतीय टीम से बाहर किया गया था। एक पॉडकास्ट में अपनी आपबीती साझा करते हुए इरफान ने उस दौर की घटनाओं का जिक्र किया, जिसने उनके करियर को गहरा प्रभावित किया। यह खुलासा क्रिकेट प्रशंसकों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
2009 में न्यूजीलैंड दौरे से पहले इरफान पठान भारतीय टीम के अहम ऑलराउंडर थे। उनकी स्विंग गेंदबाजी और उपयोगी बल्लेबाजी ने उन्हें टीम में एक खास जगह दिलाई थी। हालांकि, न्यूजीलैंड दौरे के लिए जब टीम का चयन हुआ, तो इरफान को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इरफान ने बताया कि उन्हें उस समय कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया, लेकिन यह निर्णय धोनी के नेतृत्व में चयन समिति द्वारा लिया गया था। उन्होंने कहा, “मैं उस समय अच्छा प्रदर्शन कर रहा था, लेकिन अचानक मुझे ड्रॉप कर दिया गया। यह मेरे लिए बड़ा झटका था।
“इरफान ने उस समय की अपनी मानसिक स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि यह उनके करियर का सबसे मुश्किल दौर था। उन्होंने बताया कि 2008 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर शानदार प्रदर्शन के बावजूद, न्यूजीलैंड दौरे के लिए चयन न होना उनके लिए समझ से परे था। उस दौरे पर भारत ने टेस्ट और वनडे सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन इरफान की गैरमौजूदगी ने कई सवाल खड़े किए। इरफान ने यह भी कहा कि धोनी के साथ उनकी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी, लेकिन चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी ने उन्हें निराश किया। उन्होंने पॉडकास्ट में यह भी खुलासा किया कि बीसीसीआई के कुछ अधिकारियों ने उनके साथ हुई इस घटना पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया।
इरफान के मुताबिक, उस समय चयन समिति और कप्तान के बीच तालमेल की कमी थी, जिसका खामियाजा कुछ खिलाड़ियों को भुगतना पड़ा। इरफान ने अपने करियर में 29 टेस्ट, 120 वनडे और 24 टी20 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 100 से अधिक विकेट और 2000 से ज्यादा रन बनाए। फिर भी, उनका मानना है कि अगर उस समय उन्हें लगातार मौके मिले होते, तो उनका करियर और बेहतर हो सकता था।इस खुलासे ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है। प्रशंसकों का एक वर्ग धोनी के नेतृत्व पर सवाल उठा रहा है, जबकि कुछ का मानना है कि कप्तान के तौर पर धोनी को कठिन फैसले लेने पड़ते थे। यह घटना उस समय की चयन प्रक्रिया और खिलाड़ियों के साथ संवाद की कमी को भी उजागर करती है।
इरफान ने यह भी कहा कि वह अब इस घटना को भूल चुके हैं और धोनी के साथ उनके रिश्ते सामान्य हैं। यह खुलासा न केवल इरफान पठान के करियर की अनकही कहानी को सामने लाता है, बल्कि भारतीय क्रिकेट में चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाता है। प्रशंसकों को उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं कम होंगी, ताकि प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को उनका हक मिल सके।शब्द गणना: 500स्रोत: मूल जानकारी के आधार पर री-राइट किया गया।
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