नई दिल्ली, 15 अगस्त 2025। India’s Deadly Missile Test: भारत 20-21 अगस्त 2025 को हिंद महासागर में एक अत्यंत घातक मिसाइल का परीक्षण करने जा रहा है, जो अपनी मारक क्षमता और उन्नत तकनीक के कारण ब्रह्मोस मिसाइल को भी पीछे छोड़ सकता है। भारत सरकार ने इस परीक्षण के लिए नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) जारी किया है, जो ओडिशा तट से लगभग 4,790 किलोमीटर तक के क्षेत्र को डेंजर जोन घोषित करता है।
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इस नोटम से संकेत मिलता है कि यह परीक्षण लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल या हाइपरसोनिक मिसाइल का हो सकता है, जिसकी रेंज 5,000 किलोमीटर से अधिक हो सकती है। यह परीक्षण भारत की सामरिक ताकत को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मिसाइल अग्नि सीरीज की हो सकती है, जो अपनी गति, सटीकता और विनाशकारी क्षमता के लिए जानी जाती है। यह मिसाइल जमीन, समुद्र और हवा से दागी जा सकती है, जिससे भारत की त्रि-सेवा रक्षा क्षमता में इजाफा होगा।
इस परीक्षण की खबर से पड़ोसी देशों, विशेष रूप से पाकिस्तान और अन्य संभावित विरोधियों में खलबली मच गई है। पहले ही ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता का प्रदर्शन कर चुका भारत अब इस नए हथियार के साथ अपनी रक्षा नीति को और सशक्त करने की दिशा में अग्रसर है। अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ब्रह्मोस मिसाइलों से पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए थे, जिसने पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली की कमजोरियों को उजागर किया था।
इस नए मिसाइल परीक्षण से दुश्मन देशों को एक और कड़ा संदेश मिलेगा कि भारत किसी भी खतरे का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। नोटम के अनुसार, इस परीक्षण के दौरान हिंद महासागर में कोई हवाई गतिविधि नहीं होगी, जिससे इसकी गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। यह मिसाइल देसी तकनीक पर आधारित होगी, जो भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति का प्रतीक है। इस परीक्षण की सफलता भारत को वैश्विक स्तर पर और मजबूत रक्षा शक्ति के रूप में स्थापित करेगी।
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