नई दिल्ली, 13 अगस्त 2025। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा ‘वोट चोरी’ के गंभीर आरोपों के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तीखा पलटवार कि या है। बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी बेबुनियाद आरोप लगाकर चुनाव आयोग की साख को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। ठाकुर ने उत्तर प्रदेश के रायबरेली और पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर लोकसभा क्षेत्रों का उदाहरण देते हुए दावा किया कि इन क्षेत्रों में ‘दो परिवारों’ (गांधी और बनर्जी परिवार) की ओर से मतदाता सूची में हेरफेर और अनियमितताओं की शिकायतें सामने आई हैं।
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अनुराग ठाकुर ने 10 अगस्त 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के दावे पूरी तरह आधारहीन हैं और यह संवैधानिक संस्थाओं पर हमला है। उन्होंने रायबरेली का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि वहां मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर फर्जी नाम शामिल किए गए, जिसका फायदा कांग्रेस को मिला। ठाकुर ने दावा किया कि रायबरेली में एक ही पते पर सैकड़ों मतदाता दर्ज किए गए और कई मतदाताओं के नाम अलग-अलग जगहों पर दोहराए गए।
इसी तरह, डायमंड हार्बर में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रभाव वाले क्षेत्रों में भी मतदाता सूची में गड़बड़ियों की शिकायतें मिलीं, जिसका लाभ टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के परिवार को मिला।ठाकुर ने कहा, “राहुल गांधी दूसरों पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबान में झांकें। रायबरेली और डायमंड हार्बर में उनके सहयोगी दलों ने वोटर लिस्ट में हेरफेर किया, जिसके सबूत मौजूद हैं।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और उनके सहयोगी दल हार का ठीकरा फोड़ने के लिए चुनाव आयोग को निशाना बना रहे हैं।
ठाकुर ने मांग की कि राहुल गांधी अपने आरोपों को शपथ पत्र के जरिए साबित करें, जैसा कि चुनाव आयोग ने भी कहा है।राहुल गांधी ने हाल ही में बेंगलुरु में ‘वोट अधिकार रैली’ में दावा किया था कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ क्षेत्रों में मतदाता सूची में हेरफेर कर बीजेपी को फायदा पहुंचाया गया। उन्होंने बेंगलुरु मध्य के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1 लाख से अधिक फर्जी वोटों का उदाहरण दिया था। जवाब में, बीजेपी ने इन आरोपों को ‘झूठ का पुलिंदा’ करार दिया और कहा कि कांग्रेस अपनी हार को छिपाने के लिए ऐसे दावे कर रही है।
चुनाव आयोग ने भी राहुल के आरोपों को खारिज करते हुए उनसे शपथ पत्र के साथ सबूत पेश करने को कहा है। इस विवाद ने देश में चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर बहस को और तेज कर दिया है। बीजेपी का कहना है कि वह इस मामले को संसद और जनता के सामने और मजबूती से उठाएगी।
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