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Rajasthan News: राजस्थान में DRDO गेस्ट हाउस मैनेजर पर जासूसी का आरोप, पाकिस्तान को भेजी खुफिया जानकारी

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राजस्थान, 13 अगस्त 2025। Rajasthan News: राजस्थान के जैसलमेर में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के एक गेस्ट हाउस के मैनेजर को जासूसी के गंभीर आरोप में गिरफ्तार किया गया है। स्थानीय पुलिस और खुफिया एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई में इस व्यक्ति को हिरासत में लिया गया, जिस पर संवेदनशील सैन्य जानकारी पाकिस्तान को साझा करने का संदेह है।

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यह घटना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा मानी जा रही है, जिसने रक्षा क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों की पृष्ठभूमि जांच और निगरानी तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच एजेंसियों के अनुसार, आरोपी मैनेजर लंबे समय से DRDO के गेस्ट हाउस में कार्यरत था और इस दौरान उसने गोपनीय दस्तावेजों, रक्षा परियोजनाओं और सैन्य गतिविधियों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र की।

सूत्रों का दावा है कि यह जानकारी डिजिटल और अन्य संचार माध्यमों के जरिए विदेशी एजेंटों, विशेष रूप से पाकिस्तान से जुड़े व्यक्तियों को प्रेषित की गई। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि मैनेजर ने वित्तीय लालच या दबाव में आकर यह कदम उठाया हो सकता है। हालांकि, इसकी पुष्टि के लिए जांच अभी जारी है।पुलिस ने मैनेजर के कब्जे से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, दस्तावेज और संदिग्ध संचार रिकॉर्ड जब्त किए हैं। इन डिवाइसों का फोरेंसिक विश्लेषण किया जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कितनी और किस प्रकार की जानकारी लीक हुई।

खुफिया एजेंसियां यह भी जांच कर रही हैं कि क्या इस जासूसी नेटवर्क में अन्य लोग भी शामिल हैं। इस मामले ने DRDO और अन्य रक्षा संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों की स्क्रीनिंग प्रक्रिया को और सख्त करने की जरूरत को रेखांकित किया है।जैसलमेर, जो भारत-पाकिस्तान सीमा के करीब एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र है, वहां इस तरह की घटना ने स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर ला दिया है। यह पहली बार नहीं है जब राजस्थान में जासूसी से संबंधित कोई मामला सामने आया हो। पहले भी सीमावर्ती क्षेत्रों में पाकिस्तान से जुड़े जासूसी नेटवर्क का खुलासा हो चुका है।

इस घटना ने राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों और रक्षा क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों की निगरानी को लेकर बहस छेड़ दी है।विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं रक्षा क्षेत्र में साइबर सुरक्षा और आंतरिक निगरानी को मजबूत करने की आवश्यकता को दर्शाती हैं। साथ ही, यह भी मांग उठ रही है कि रणनीतिक महत्व के स्थानों पर कार्यरत कर्मचारियों की नियमित जांच और प्रशिक्षण पर अधिक ध्यान दिया जाए। इस मामले में जांच पूरी होने के बाद और भी खुलासे होने की संभावना है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए दीर्घकालिक नीतियों को प्रभावित कर सकता है।

 

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