लखनऊ, 9 अगस्त 2025। UP News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित कई जिलों में हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश ने बिजली व्यवस्था को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया। सोमवार को तेज हवाओं और बारिश के कारण शहर से लेकर गांव तक बिजली आपूर्ति ठप हो गई, जिससे लगभग 20 लाख लोग प्रभावित हुए। इस संकट ने न केवल बिजली की उपलब्धता को प्रभावित किया, बल्कि पानी की आपूर्ति पर भी गहरा असर डाला, जिससे जनजीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया।
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लखनऊ के मोहनलालगंज, सरोजनीनगर, दुबग्गा, बीकेटी, आलमबाग, अमीनाबाद, गोमतीनगर, इंदिरानगर और ठाकुरगंज जैसे क्षेत्रों में बारिश के कारण बिजली के खंभों और अंडरग्राउंड केबलों में खराबी आ गई। करीब 50 से अधिक खंभे क्षतिग्रस्त होने की खबर है, जिसके चलते कई इलाकों में सुबह से शाम तक बिजली गायब रही। बारिश और तेज हवाओं ने पेड़ों को गिरा दिया, जिससे बिजली लाइनों को भारी नुकसान पहुंचा। ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों को फाल्ट ठीक करने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, क्योंकि बारिश के कारण मरम्मत कार्य में देरी हुई।
इस बिजली संकट का सबसे गंभीर प्रभाव पानी की आपूर्ति पर पड़ा। बिजली न होने से सबमर्सिबल पंप और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स काम नहीं कर सके, जिसके कारण कई इलाकों में पीने के पानी की किल्लत हो गई। उपभोक्ताओं ने बिजली विभाग के टोल-फ्री नंबर 1912 पर हजारों शिकायतें दर्ज कीं, लेकिन अधिकांश शिकायतों का समाधान समय पर नहीं हो सका। कई क्षेत्रों में लोग रातभर बिजली और पानी के लिए तरसते रहे, जिससे उनकी दिनचर्या पूरी तरह से प्रभावित हुई। ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बारिश के कारण ट्रांसफार्मरों में ओवरहीटिंग और ट्रिपिंग की समस्या बढ़ गई।
कई जगह जर्जर तारों और पुराने ट्रांसफार्मरों की वजह से बिजली आपूर्ति बार-बार बाधित हुई। ग्रामीण इलाकों में स्थिति और भी बदतर रही, जहां बिजली कटौती दो से तीन घंटे तक चली। गाजियाबाद, नोएडा, चंदौली और बलिया जैसे जिलों में भी बिजली व्यवस्था चरमरा गई। कुछ क्षेत्रों में लोग जेनरेटर और इन्वर्टर के सहारे काम चला रहे हैं, लेकिन इन्वर्टर चार्ज न होने से यह उपाय भी कारगर नहीं रहा। ऊर्जा मंत्री ने दावा किया कि कर्मचारी रातभर टॉर्च लेकर मरम्मत कार्य में जुटे रहे, लेकिन उपभोक्ताओं का कहना है कि वैकल्पिक व्यवस्थाएं ना के बराबर थीं।
कई जगह बिजली विभाग के अधिकारी शिकायतों के बावजूद उपलब्ध नहीं थे, जिससे लोगों का गुस्सा और बढ़ गया। गाजियाबाद के वसुंधरा में तो निवासियों ने बिजली विभाग के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। इस संकट ने एक बार फिर बिजली व्यवस्था की कमियों को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि पुरानी बिजली लाइनों को बंच केबल से बदलने और ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। सरकार ने भले ही रिकॉर्ड बिजली आपूर्ति का दावा किया हो, लेकिन मौजूदा स्थिति में लोगों को राहत मिलना अभी दूर की कौड़ी लग रही है।