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यमुना की उफनती लहरें, दिल्ली में बाढ़ का खतरा, प्रशासन सतर्क
नई दिल्ली, 7 अगस्त 2025। Yamuna Water Level: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने से राष्ट्रीय राजधानी में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। केंद्रीय जल आयोग (CWC) के अनुसार, यमुना का जलस्तर पुराने रेलवे पुल (ओल्ड रेलवे ब्रिज) पर 7 अगस्त 2025 को सुबह 204.88 मीटर तक पहुंच गया, जो चेतावनी स्तर 204.50 मीटर से ऊपर है। अधिकारियों ने अगले 72 घंटों में बाढ़ की संभावना को देखते हुए सभी संबंधित एजेंसियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। दिल्ली सरकार और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
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यमुना के जलस्तर में इस अचानक वृद्धि का मुख्य कारण हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से हाल ही में 10,000 से 13,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसके कारण नदी का प्रवाह बढ़ गया। विशेषज्ञों का कहना है कि जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश और मिट्टी के संतृप्त होने से नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। इसके अलावा, यमुना के बाढ़ क्षेत्रों में अतिक्रमण और सिल्ट जमा होने से नदी की वहन क्षमता कम हुई है, जिससे बाढ़ का खतरा और गंभीर हो गया है।
दिल्ली के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने मंगलवार को स्थिति का जायजा लिया और कहा कि सरकार किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने बताया कि नावों और बचाव दलों की व्यवस्था की गई है, और नदी के किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की योजना तैयार है। इसके साथ ही, मुनादी (सार्वजनिक घोषणाओं) के जरिए लोगों को नदी के पास न जाने और बच्चों को पानी में तैरने से रोकने की चेतावनी दी जा रही है।
पिछले साल जुलाई 2023 में यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया था, जो 45 साल का रिकॉर्ड था। उस दौरान सिविल लाइन्स, कश्मीरी गेट और आईटीओ जैसे प्रमुख क्षेत्रों में भारी जलभराव हुआ था, और 28,000 से अधिक लोगों को विस्थापित करना पड़ा था। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश का पैटर्न बदल रहा है, जिससे कम समय में भारी बारिश हो रही है। यमुना के बाढ़ क्षेत्रों में अनधिकृत निर्माण और नदी के तल में सिल्ट जमा होना भी इस समस्या को बढ़ा रहा है।
दिल्ली सरकार ने इस बार बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए पहले से ही कई कदम उठाए हैं, जैसे कि आईटीओ बैराज के जाम हुए गेट्स को ठीक करना और सिल्ट को हटाने के लिए पायलट कट्स करना। फिर भी, अगर जलस्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार करता है, तो बड़े पैमाने पर बचाव कार्य शुरू करने की जरूरत पड़ सकती है।
दिल्ली पुलिस ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी है और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है, जिससे स्थिति और जटिल हो सकती है। दिल्लीवासियों से अपील की जा रही है कि वे प्रशासन के साथ सहयोग करें और नदी के किनारे से दूर रहें।
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