पुणे, 4 अगस्त। 2025 Sectarian Violence: पुणे जिले के यवत गांव में एक आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प की घटना सामने आई है। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 500 से अधिक लोगों के खिलाफ पांच प्राथमिकियां (FIR) दर्ज की हैं। इसके साथ ही 17 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें वह युवक भी शामिल है, जिसने विवादास्पद व्हाट्सएप स्टेटस पोस्ट किया था।
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यह घटना शुक्रवार दोपहर को हुई, जब एक समुदाय ने इस पोस्ट को लेकर आपत्ति जताई, जिसके बाद भीड़ ने वाहनों, एक धार्मिक स्थल और एक बेकरी को निशाना बनाकर तोड़फोड़ और आगजनी की। पुणे के पुलिस अधीक्षक संदीप सिंह गिल ने बताया कि प्रारंभिक जांच में किसी सुनियोजित साजिश के संकेत नहीं मिले हैं, लेकिन जांच पूरी होने तक कोई अंतिम निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े।
गांव में स्थिति अब नियंत्रण में है और शांति बनाए रखने के लिए स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स (SRPF) की तैनाती की गई है। इसके अलावा, भारी पुलिस बल और ड्रोन के जरिए निगरानी की जा रही है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह पोस्ट एक अन्य स्थान के युवक ने डाली थी, जिसमें एक हिंदू पुजारी पर बलात्कार का आरोप लगाया गया था, जिससे स्थानीय लोग भड़क गए।
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने भी घटनास्थल का दौरा किया और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 144 और भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की है, जो स्थिति के आकलन तक प्रभावी रहेगी। स्थानीय लोगों का कहना है कि अब तनाव खत्म हो गया है और दोनों समुदाय मिलकर शांति स्थापित करने में जुटे हैं।
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