हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार महिलाओं के लिए एक अहम योजना लागू करने जा रही है। ‘लाडो-लक्ष्मी योजना’ के तहत राज्य की पात्र महिलाओं को हर महीने ₹2,100 की आर्थिक सहायता दी जाएगी। माना जा रहा है कि सरकार इसे रक्षाबंधन से पहले लागू कर सकती है, ताकि यह एक तरह से बहनों और माताओं के लिए उपहार बन जाए। योजना का ड्राफ्ट सामाजिक न्याय विभाग ने तैयार कर मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दिया है। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने महिलाओं से जो वादा किया था, अब उसकी पूर्ति की दिशा में यह अहम कदम माना जा रहा है।
इस योजना को चार चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण में राज्य की गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाली लगभग 46 लाख महिलाओं को शामिल किया जाएगा, जिनकी सालाना आय 1.8 लाख रुपये से कम है। हालांकि, जिन महिलाओं की सालाना आय 1 लाख रुपये से कम है, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। योजना के लिए सरकार ने फिलहाल 5,000 करोड़ रुपये का बजट तय किया है, जिसे जरूरत पड़ने पर बढ़ाया भी जा सकता है।
राज्य में 18 से 60 वर्ष की उम्र की करीब 75 लाख महिलाएं हैं, लेकिन नौकरीपेशा महिलाएं और वे महिलाएं जो पहले से विधवा पेंशन, निराश्रित पेंशन या किसी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ ले रही हैं, उन्हें इस योजना से बाहर रखा जाएगा। पात्रता से जुड़े अंतिम मानदंडों को अभी तय किया जाना बाकी है।
यह योजना मध्य प्रदेश की ‘लाड़ली बहना’ और महाराष्ट्र की ‘लाडकी बहिन’ योजना की तर्ज पर तैयार की गई है। दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले इस तरह की योजनाएं शुरू की गई थीं, जिनका राजनीतिक प्रभाव भी देखा गया था। हरियाणा सरकार अब उसी राह पर चलते हुए महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने की कोशिश कर रही है।
सरकार का मानना है कि इस योजना से न केवल महिलाओं को सीधे आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि राज्य में महिला सशक्तिकरण को भी एक नई दिशा मिलेगी। अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि रक्षाबंधन से पहले यह योजना वास्तव में शुरू होती है या नहीं, और यदि होती है, तो इसका राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव कितना व्यापक होगा।