बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर सियासी माहौल गरमा गया है। विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाते हुए इसे चुनाव आयोग और केंद्र सरकार के बीच साठगांठ का नतीजा बताया है। इस मुद्दे पर अब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव बहिष्कार तक की बात कह दी है।
तेजस्वी यादव ने IANS से बातचीत में कहा कि जब सब कुछ पहले से तय है, तो चुनाव कराने की क्या जरूरत है। उन्होंने कहा, “हम जनता की राय लेंगे, देखा जाएगा कि क्या करना है।” साथ ही तेजस्वी ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “पहले वोटर्स सरकार चुनते थे, अब सरकार वोटर्स चुन रही है।”
सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी ने इस मसले को लेकर इंडिया ब्लॉक से संपर्क किया है और सुझाव दिया है कि यदि चुनाव आयोग केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहा है, तो क्या विपक्ष को चुनाव का बहिष्कार करना चाहिए?
इंडिया ब्लॉक का प्रदर्शन
SIR विवाद को लेकर विपक्ष न केवल बिहार विधानसभा में, बल्कि संसद में भी हमलावर है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को संसद परिसर में इंडिया ब्लॉक की ओर से मकर द्वार पर प्रदर्शन किया जाएगा। सभी सांसदों से कहा गया है कि वे विरोध दर्ज कराने के लिए काले कपड़े, काली पट्टी या कोई अन्य प्रतीकात्मक तरीका अपनाएं।
सरकार का रुख
सरकार के सूत्रों के अनुसार, SIR पर संसद में चर्चा कराने का कोई इरादा नहीं है। वे चुनाव आयोग के फैसलों की जिम्मेदारी खुद आयोग की बताते हैं। ऐसे में सरकार सीधे तौर पर इस मुद्दे पर कोई जवाब देने से बच रही है।
तेजस्वी यादव की कड़ी आलोचना
तेजस्वी ने बीजेपी और चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “संविधान को खत्म करने की साजिश की जा रही है। हर मंच पर इसका विरोध करेंगे। चुनाव आयोग को आज नहीं तो कल जवाब देना होगा।”
इस बीच, चुनाव आयोग ने भी बुधवार शाम को एक बयान जारी कर यह स्पष्ट किया कि 98% मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य पूरा हो चुका है। बावजूद इसके, विपक्षी दल चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं और व्यापक रणनीति बना रहे हैं।