सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पहली बार ड्रोन स्क्वाड्रन तैनात करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। यह फैसला ऑपरेशन सिंदूर के बाद लिया गया है, जिसमें पाकिस्तान की ओर से ड्रोन हमलों की घटनाओं के बाद सीमा सुरक्षा को और सुदृढ़ बनाने की जरूरत महसूस की गई।
ड्रोन स्क्वाड्रन की खासियत:
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यह स्क्वाड्रन सीमा की चुनिंदा चौकियों (BoPs) पर तैनात किया जाएगा।
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इसमें निगरानी, टोही और हमले की क्षमता वाले अत्याधुनिक ड्रोन शामिल होंगे।
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हर चौकी पर 2-3 विशेष रूप से प्रशिक्षित जवानों की टीम तैनात की जाएगी।
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ड्रोन को बीएसएफ के पश्चिमी कमान के चंडीगढ़ मुख्यालय से नियंत्रित किया जाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर से मिला सबक:
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस दौरान पाकिस्तान ने भारी संख्या में स्वार्म ड्रोन भेजे, जिसका जवाब बीएसएफ और भारतीय सेना ने मिलकर दिया। ऑपरेशन में BSF ने 118 से अधिक पाकिस्तानी चौकियों को ध्वस्त कर दिया था।
चौकियों को और मजबूत किया जा रहा है:
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चौकियों और बंकरों की छत व दीवारें मजबूत शीट्स से ढंकी जा रही हैं।
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काउंटर-ड्रोन तकनीक की तैनाती की जा रही है ताकि हथियारबंद दुश्मन ड्रोन को सीमा पर ही नष्ट किया जा सके।
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छोटे और बड़े दोनों प्रकार के ड्रोन युद्ध जैसी स्थिति में तत्काल लॉन्च के लिए तैयार रहेंगे।
BSF का यह कदम देश की सीमाओं की रक्षा को लेकर उसकी गंभीरता और आधुनिक तकनीकों के साथ तैयारियों का प्रतीक है।