इन दिनों Blinkit, Zepto, Swiggy और Zomato जैसे फूड और ग्रॉसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स पर काम करने वाले डिलीवरी एजेंट्स की कमाई को लेकर खूब चर्चा हो रही है। मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कई डिलीवरी एजेंट्स हर महीने इतनी कमाई कर लेते हैं कि TCS और Infosys जैसी बड़ी IT कंपनियों में काम करने वाले फ्रेशर्स भी पीछे रह जाते हैं।
कितनी कमाई करते हैं डिलीवरी एजेंट्स?
IT कंपनियों में फ्रेशर्स को सालाना 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की सैलरी मिलती है। वहीं, डिलीवरी एजेंट्स की सालाना कमाई भी करीब 3 लाख से 4 लाख रुपये तक हो सकती है। कुछ मेहनती एजेंट्स, खासतौर पर बड़े शहरों में काम करने वाले, हर महीने 50 हजार रुपये या उससे भी ज्यादा कमा रहे हैं।
कमाई पूरी तरह मेहनत और इलाके पर निर्भर
डिलीवरी एजेंट्स की कमाई इस बात पर निर्भर करती है कि वो रोज़ कितने घंटे काम करते हैं, कितने ऑर्डर डिलीवर करते हैं और कौन-से इलाके में काम कर रहे हैं। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे शहरों में ऑर्डर की मांग ज़्यादा होती है, इसलिए वहां की आमदनी भी ज़्यादा होती है।
डिलीवरी जॉब्स में क्या हैं सीमाएं?
हालांकि डिलीवरी एजेंट्स अच्छा कमा सकते हैं, लेकिन उनकी नौकरी में कई कमियां भी हैं। ज्यादातर एजेंट्स को न तो हेल्थ इंश्योरेंस मिलता है और न ही पेड छुट्टियां। अगर किसी दिन ऑर्डर कम मिले तो कमाई भी घट जाती है। इसलिए ये काम रोज़ाना की मेहनत और किस्मत पर निर्भर करता है।
IT जॉब्स में स्थिरता और फायदे ज्यादा
IT कंपनियों में काम करने वाले फ्रेशर्स को भले ही शुरुआत में कम सैलरी मिले, लेकिन उन्हें PF, हेल्थ इंश्योरेंस, पेड लीव और प्रमोशन जैसे फायदे मिलते हैं। इसके अलावा, IT सेक्टर में करियर ग्रोथ के अच्छे मौके भी होते हैं, जैसे स्किल बढ़ाना, प्रमोशन पाना और विदेश में नौकरी करने का मौका।
निष्कर्ष
डिलीवरी एजेंट्स की कमाई आज के दौर में भले ही अच्छी हो, लेकिन यह पूरी तरह उनकी मेहनत और समय पर निर्भर करती है। वहीं IT सेक्टर भले ही धीरे बढ़े, लेकिन उसमें भविष्य को लेकर स्थिरता और सुरक्षा ज्यादा है।