बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है, और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर इसके लिए सवाल उठ रहे हैं। बढ़ते अपराध, हत्याएं, लूटपाट, और संगठित अपराध की घटनाओं ने राज्य में जनता के बीच डर का माहौल पैदा कर दिया है। विपक्षी दल नीतीश सरकार पर कानून-व्यवस्था को संभालने में नाकामी का आरोप लगा रहे हैं, जबकि सत्तारूढ़ जद(यू)-बीजेपी गठबंधन इन आरोपों को खारिज कर अपनी उपलब्धियों का दावा कर रहा है।अपराध का बढ़ता ग्राफहाल के महीनों में बिहार में हत्या, अपहरण, और डकैती की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, बिहार में हिंसक अपराधों की दर राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है। पटना, मुजफ्फरपुर, और भागलपुर जैसे शहरों में दिनदहाड़े गोलीबारी और लूट की घटनाएं आम हो गई हैं। हाल ही में पटना के एक व्यस्त बाजार में हुई गोलीबारी की घटना ने लोगों में दहशत फैला दी।स्थानीय निवासी रमेश सिंह ने बताया, “पहले बिहार में अपराध का डर तो था, लेकिन अब स्थिति ऐसी है कि घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। पुलिस प्रशासन पूरी तरह निष्क्रिय लगता है।”
विपक्ष का हमला
विपक्षी दल, खासकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस, ने नीतीश सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर तीखा हमला बोला है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “नीतीश जी के शासन में बिहार जंगलराज की ओर बढ़ रहा है। अपराधी बेखौफ होकर घूम रहे हैं, और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।” विपक्ष का आरोप है कि नीतीश सरकार की प्राथमिकताएं केवल सत्ता बनाए रखने तक सीमित हैं, जिसके चलते पुलिस सुधार और सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
सरकार का बचाव
दूसरी ओर, नीतीश सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। जद(यू) के प्रवक्ता संजय सिंह ने दावा किया कि नीतीश सरकार ने बिहार में अपराध को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे पुलिस बल में भर्ती, थानों का आधुनिकीकरण, और सीसीटीवी निगरानी बढ़ाना। उन्होंने कहा, “विपक्ष केवल राजनीति कर रहा है। बिहार में अपराध की स्थिति पहले से काफी बेहतर है, और हम इसे और मजबूत करेंगे।”हालांकि, सरकार के इन दावों पर जनता का भरोसा कम होता दिख रहा है। सोशल मीडिया पर #BiharCrime और #JungleRaj जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जो लोगों की नाराजगी को दर्शाते हैं।
विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विश्लेषक और पटना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर नवीन झा का कहना है, “बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है। नीतीश सरकार को पुलिस प्रशासन में सुधार, भ्रष्टाचार पर रोक, और त्वरित न्याय प्रणाली पर ध्यान देना होगा।” उनका मानना है कि अगर सरकार ने जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए, तो यह मुद्दा आगामी विधानसभा चुनावों में बड़ा सियासी मुद्दा बन सकता है।
जनता की मांग
बिहार की जनता अब सुरक्षित माहौल और त्वरित पुलिस कार्रवाई की मांग कर रही है। कई सामाजिक संगठनों और नागरिक समूहों ने अपराध के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। पटना में हाल ही में हुए एक विरोध प्रदर्शन में लोगों ने मांग की कि सरकार अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करे और पुलिस को और जवाबदेह बनाए।
आगे की राह
बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति न केवल सरकार की छवि को प्रभावित कर रही है, बल्कि यह निवेश और विकास पर भी असर डाल रही है। उद्योगपति और निवेशक सुरक्षा के मुद्दों को लेकर चिंतित हैं, जिसका असर बिहार की आर्थिक प्रगति पर पड़ सकता है। नीतीश सरकार के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती है कि वह न केवल अपराध को नियंत्रित करे, बल्कि जनता का विश्वास भी जीते।