उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में एक निजी अस्पताल की घोर लापरवाही सामने आई है, जहां आग लगने की घटना के बाद मची अफरा-तफरी ने प्रशासन को भी चौकन्ना कर दिया। जिले के कीर्ति कृष्णा अस्पताल में तीसरी मंजिल पर अचानक आग लग गई, और मरीजों को जान बचाने के लिए लकड़ी की सीढ़ियों से नीचे उतरना पड़ा। घटना की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं तो प्रशासन की नींद टूटी और तत्काल जांच के आदेश दिए गए।
जांच में सामने आया कि अस्पताल ने फायर सेफ्टी और सरकारी सुरक्षा मानकों का उल्लंघन किया है। इसके बाद जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए अस्पताल को सील कर दिया।
लकड़ी की सीढ़ियों से उतारे गए मरीज
आग लगने के वक्त अस्पताल में इलाज करवा रहे मरीज और उनके परिजन जान बचाने के लिए जैसे-तैसे तीसरी मंजिल से नीचे उतरे। कुछ लोग लकड़ी की सीढ़ियों से लटकते नजर आए, तो कुछ को दूसरों की मदद से नीचे लाया गया। यह दृश्य इतना भयावह था कि मौके पर मौजूद लोगों ने उसे कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
प्रशासन ने मारा छापा, अस्पताल सील
जांच में सामने आया कि अस्पताल में न तो फायर सेफ्टी डिवाइस काम कर रहे थे और न ही सुरक्षा के अन्य इंतजाम मौजूद थे। जिला अधिकारी अनुनय झा के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने अस्पताल को तत्काल सील कर दिया और अस्पताल के मालिक डॉ. सीपी गुप्ता को नोटिस थमा दिया।
क्या बोले नगर मजिस्ट्रेट?
हरदोई के नगर मजिस्ट्रेट एसके त्रिवेदी ने बताया कि अस्पताल में आग लगने की पुष्टि हुई है। जांच के दौरान फायर उपकरणों में भारी खामियां पाई गईं। नियमों की अनदेखी पर अस्पताल को सील कर दिया गया और 19 मरीजों को सुरक्षित मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट कर इलाज जारी है।
जनता में नाराजगी, प्रशासन पर भी सवाल
घटना के बाद स्थानीय लोगों में प्रशासन की सुस्ती को लेकर नाराजगी है। लोगों का कहना है कि यदि समय पर फायर सेफ्टी ऑडिट हुआ होता तो शायद ऐसी स्थिति न आती।
यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि अस्पताल जैसे जीवन रक्षक संस्थानों में सुरक्षा मानकों से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उम्मीद है कि इस कार्रवाई से दूसरे अस्पताल भी सतर्क होंगे और नियमों का पालन करेंगे।