12 जून को गुजरात के अहमदाबाद में हुए भयानक प्लेन हादसे के बाद बोइंग विमानों को लेकर देशभर में सवाल उठे थे। इसी कारण विमानन सुरक्षा एजेंसी ने सभी एयरलाइनों को अपने बोइंग 787 और 737 विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच (FCS) लॉकिंग सिस्टम की जांच का सख्त आदेश दिया था।
अब एयर इंडिया ने घोषणा की है कि उसने अपने सभी बोइंग 787 विमानों की फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच पूरी कर ली है और इसमें किसी भी तरह की खराबी नहीं पाई गई। एयर इंडिया के एक अधिकारी ने बताया कि विमान के ईंधन लॉकिंग सिस्टम में कोई दिक्कत नहीं मिली है, जिससे यात्रियों को अब थोड़ी राहत मिली है।
क्या था जांच आदेश का कारण?
DGCA ने 14 जुलाई को सभी एयरलाइनों को बोइंग के 787 और 737 विमानों के FCS लॉकिंग सिस्टम की जांच के आदेश दिए थे। यह कदम अहमदाबाद हादसे के बाद उठाया गया था, जहां टेक ऑफ के कुछ ही सेकंड बाद विमान के दोनों इंजन बंद हो गए थे, जिससे 260 लोगों की जान चली गई। शुरुआती जांच रिपोर्ट ने इस तकनीकी खराबी का संकेत दिया था।
एयर इंडिया ने क्या बताया?
एयर इंडिया के अधिकारी ने बताया कि सभी बोइंग 787-8 विमानों का निरीक्षण किया गया और किसी भी तरह की तकनीकी खराबी सामने नहीं आई। इसके अलावा, बोइंग के रखरखाव कार्यक्रम के तहत सभी विमानों के थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल को भी बदल दिया गया है, जो कि फ्यूल कंट्रोल स्विच का अहम हिस्सा होता है।
पायलट की भूमिका पर उठ रहे सवाल
हादसे की शुरुआती रिपोर्ट में यह भी सामने आया था कि जब फ्यूल कंट्रोल स्विच ने अचानक काम करना बंद किया, तो एक पायलट ने तुरंत इस घटना को सीनियर पायलट को बताया। लेकिन सीनियर पायलट ने इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया, जिससे सवाल उठने लगे कि क्या इस घटना से बचा जा सकता था। एयर इंडिया के CEO ने इस मामले में साफ सफाई देते हुए कहा है कि पायलटों ने पूरी कोशिश की, लेकिन तकनीकी खराबी अचानक आई थी।
अहमदाबाद हादसे ने पूरे देश को हिला दिया था, लेकिन अब एयर इंडिया की इस जांच से यह संदेश गया है कि विमानन सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ाई जा रही है। विशेषज्ञ और प्रशासन दोनों इस बात पर काम कर रहे हैं कि आगे से ऐसा कोई हादसा दोबारा न हो।
क्या आप समझते हैं कि टेक्नोलॉजी की मजबूती के साथ पायलट की भूमिका भी अहम होती है? आपकी राय हमें जरूर बताएं।