श्यामशाह मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग की लगभग 80 छात्राओं ने ईएनटी विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर मोहम्मद अशरफ पर गंभीर लैंगिक उत्पीड़न और अभद्रता के आरोप लगाए हैं। छात्राओं ने बताया कि डॉक्टर उनके साथ गलत व्यवहार करते थे, अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते थे और मानसिक रूप से उन्हें प्रताड़ित करते थे। इस आरोप के सामने आने के बाद कॉलेज प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए डॉक्टर अशरफ को निलंबित कर दिया है, जिससे छात्राओं और उनके समर्थक संगठनों को बड़ी राहत मिली है।
यह मामला तब सामने आया जब नर्सिंग छात्राओं ने गांधी स्मृति चिकित्सालय में तैनात इस ईएनटी विशेषज्ञ के खिलाफ आवाज उठाई। सुरक्षा की चिंता में नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्या ने छात्राओं को ईएनटी विभाग में जाने से रोक दिया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए कॉलेज ने जांच समिति गठित की, जो पूरी घटनाओं की जांच कर रही थी।
इस बीच, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने छात्राओं के समर्थन में कॉलेज परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया और आरोपी डॉक्टर के निलंबन की मांग उठाई। प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि जब तक उचित कार्रवाई नहीं होती, विरोध जारी रहेगा। प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया था।
निर्धारित समय सीमा के भीतर कॉलेज प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर अशरफ को निलंबित कर दिया। कॉलेज के डीन डॉ. सुनील अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि संस्थान छात्राओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहा है और आगे की जांच जारी है।
यह घटना मेडिकल शिक्षा संस्थानों में छात्राओं की सुरक्षा और सम्मान से जुड़े कई सवाल खड़े करती है। फिलहाल छात्राओं को राहत मिली है, लेकिन सभी की निगाहें अब आगे की न्यायिक कार्रवाई और जांच पर टिकी हैं कि कैसे इस गंभीर मामले को निष्पक्ष तरीके से हल किया जाएगा।