साइबर ठग लगातार लोगों को झांसा देने के नए-नए तरीके ढूंढ रहे हैं। ताजा मामला पंजाब के पटियाला से सामने आया है, जहां एक शातिर युवक ने आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का पीए बनकर लोगों से पैसे ठगने की कोशिश की।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने मनीष सिसोदिया का पुराना मोबाइल नंबर किसी तरह फिर से एक्टिव कर लिया। इसके बाद वह खुद को उनका निजी सचिव (पीए) बताकर नेताओं, अफसरों और मंत्रियों से पैसों की डिमांड करने लगा। मामला सामने आने पर मनीष सिसोदिया ने खुद पंजाब पुलिस से शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पटियाला पुलिस ने एक्शन में आते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
दूसरे केस में हुआ था गिरफ्तार, फिर सामने आया असली खेल
पटियाला पुलिस ने बताया कि यह आरोपी किसी अन्य मामले में पहले से हिरासत में था। जब उससे पूछताछ की गई तो उसने सिसोदिया के नाम पर ठगी करने की बात कबूल की। पूछताछ में उसने ये भी बताया कि वह पहले भी कई बार ऐसी ठगी कर चुका है।
पुलिस का कहना है कि यह एक बड़ा साइबर ठगी गिरोह है, जिसमें और भी लोग शामिल हो सकते हैं। जल्द ही बाकी आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस ने इस पूरे मामले की जानकारी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
पहले भी सामने आ चुका है ऐसा मामला
यह पहला मौका नहीं है जब किसी राजनेता का नाम साइबर ठगों ने इस्तेमाल किया हो। इससे पहले मोहाली में एक व्यक्ति ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का पीए बनकर लोगों से ठगी की थी। ऐसे मामलों में ठग आमतौर पर नेताओं के पुराने या बंद हो चुके नंबरों को दोबारा एक्टिव कर लेते हैं और उनका नाम लेकर लोगों से पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं।
पंजाब में सक्रिय हैं मनीष सिसोदिया
गौरतलब है कि मनीष सिसोदिया इस समय आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रभारी हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव हारने के बाद वह लगातार पंजाब की राजनीति में सक्रिय हैं। वे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर पंजाब सरकार के कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं। हाल ही में लुधियाना की पश्चिम विधानसभा सीट के उपचुनाव प्रचार में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।
हालांकि, विपक्ष अकसर सवाल उठाता है कि सिसोदिया और केजरीवाल पंजाब की राजनीति में दखल क्यों दे रहे हैं, लेकिन आप की तरफ से इसे संगठन की मजबूती का हिस्सा बताया जाता है।
निष्कर्ष:
यह मामला बताता है कि साइबर ठग किस हद तक जाकर लोगों को ठग सकते हैं। आम लोगों से लेकर बड़े अफसर और नेता तक, कोई भी इनके निशाने पर आ सकता है। जरूरी है कि लोग सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध कॉल या मैसेज पर बिना पुष्टि के भरोसा न करें।








