Home » व्यापार » अंबानी-मित्तल जैसे बड़े प्रमोटर्स ने बेची हिस्सेदारी, फिर भी शेयर बाजार में दिखी मजबूती – जानिए क्या है इसके पीछे की वजह

अंबानी-मित्तल जैसे बड़े प्रमोटर्स ने बेची हिस्सेदारी, फिर भी शेयर बाजार में दिखी मजबूती – जानिए क्या है इसके पीछे की वजह

Share :

Share :

पिछले कुछ महीनों में देश के कई दिग्गज कारोबारी जैसे मुकेश अंबानी और सुनील भारती मित्तल ने अपनी कंपनियों में से कुछ हिस्सेदारी बेची है। इससे शेयर बाजार में हलचल जरूर हुई, लेकिन हैरानी की बात ये है कि इन बिकवालियों के बावजूद भारतीय शेयर बाजार मजबूत बना हुआ है। निवेशकों के मन में सवाल उठ रहा है कि कहीं ये बिकवाली खतरे का संकेत तो नहीं? लेकिन एक्सपर्ट्स कुछ और ही कहानी बता रहे हैं।

मई-जून में बढ़ी हिस्सेदारी की बिक्री, प्रमोटर्स और इनसाइडर्स ने बेचे 30 अरब डॉलर के शेयर

बीते मई और जून महीने में प्रमोटर्स और इनसाइडर्स द्वारा की गई बिकवाली का स्तर तेजी से बढ़ा। सिर्फ जून में ही इन लोगों ने करीब 11 अरब डॉलर की हिस्सेदारी बाजार में उतार दी। इसके साथ ही इस साल की पहली छमाही में कुल बिकवाली 30 अरब डॉलर तक पहुंच गई। आमतौर पर माना जाता है कि जब किसी कंपनी का प्रमोटर अपनी हिस्सेदारी बेचता है, तो वह कंपनी के भविष्य को लेकर भरोसे की कमी का संकेत होता है। यही वजह है कि रिटेल निवेशक सतर्क हो जाते हैं।

विदेशी निवेशकों ने भी बेचे शेयर, फिर भी बाजार में बनी रही मजबूती

इसी दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भी 11 अरब डॉलर की बिकवाली की। इसके बावजूद भारतीय शेयर बाजार में इस साल करीब 7 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है। इसका मुख्य कारण है – घरेलू खुदरा निवेशकों और म्यूचुअल फंड्स की जबरदस्त खरीदारी। खुदरा निवेशकों ने बाज़ार में डटे रहकर 41 अरब डॉलर की खरीदारी की, जिससे बिकवाली का असर कम हो गया।

भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस और ITC जैसी कंपनियों में बड़े प्रमोटर्स की निकासी

हाल के महीनों में जिन कंपनियों में प्रमोटर या इनसाइडर्स ने हिस्सेदारी बेची है, उनमें भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान जिंक, इंडिगो और वी-मार्ट जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इसके अलावा एशियन पेंट्स में रिलायंस इंडस्ट्रीज और ITC में ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको (BAT) ने भी बड़ी हिस्सेदारी बाजार में बेची।

क्यों बेच रहे हैं प्रमोटर्स हिस्सेदारी? जानिए एक्सपर्ट्स की राय

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज़ (KIE) और अन्य विशेषज्ञों का मानना है कि इन बिकवालियों के पीछे कई रणनीतिक कारण हो सकते हैं। प्रमोटर्स अक्सर तब शेयर बेचते हैं जब वे अपने कर्ज चुकाना चाहते हैं, नई परियोजनाओं में निवेश करना चाहते हैं या पोर्टफोलियो को विविध बनाना चाहते हैं।

वहीं प्राइवेट इक्विटी (PE) फंड्स की एक तय समयसीमा होती है। वे कुछ वर्षों के बाद अपने निवेश को बेचकर मुनाफा निकालते हैं और अपने निवेशकों को रिटर्न देते हैं। इसलिए IPO लॉक-इन पीरियड खत्म होने के बाद शेयर बेचना एक सामान्य प्रक्रिया है।

IPO बाजार में भी OFS का बोलबाला

इस साल की पहली छमाही में कंपनियों ने नए आईपीओ से जितनी नई पूंजी जुटाई, उससे ज्यादा बिक्री ऑफर फॉर सेल (OFS) के ज़रिए हुई। कुल मिलाकर, नए फंड रेज़िंग 2.2 अरब डॉलर रहा, जबकि प्रमोटर्स द्वारा बिक्री 3.08 अरब डॉलर तक पहुंच गई।

बाजार को क्यों नहीं डगमगाया इतनी बिकवाली ने?

विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी बड़ी बिकवाली के बावजूद बाजार पर असर नहीं पड़ा, क्योंकि म्यूचुअल फंड और रिटेल निवेशक लगातार खरीदारी कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, जून 2025 में म्यूचुअल फंड्स ने करीब 28,000 करोड़ रुपए का निवेश किया, जिससे प्रमोटर्स द्वारा बेचे गए शेयरों की आपूर्ति को संतुलन मिल गया।

वेंचुरा रिसर्च के हेड विनीत बोलिंजकर के मुताबिक, यह ट्रेंड संकट का संकेत नहीं है बल्कि बाजार के परिपक्व होने का संकेत है। उन्होंने कहा कि कई प्रमोटर अब ज्यादा वैल्यूएशन पर अपनी होल्डिंग्स से पैसा निकाल रहे हैं ताकि दूसरे उद्देश्यों में निवेश कर सकें।

कैसे करें रिटेल निवेशक प्रतिक्रिया?

बाजार के जानकारों का मानना है कि रिटेल निवेशकों को इन बिकवालियों से घबराने की जरूरत नहीं है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो परिपक्व बाजारों में होती रहती है। विशेषज्ञों ने सलाह दी कि निवेशक अपने SIP जारी रखें, लंबी अवधि के लक्ष्यों पर ध्यान दें और सुर्खियों के आधार पर फैसले न लें।

निष्कर्ष

हालांकि शेयर बाजार में बड़े प्रमोटर्स और इनसाइडर्स की बिकवाली ने सवाल तो जरूर खड़े किए हैं, लेकिन इसकी गहराई में जाकर देखें तो यह बाजार की मजबूती और निवेशकों के विश्वास का ही संकेत है। खुदरा निवेशकों और डीआईआई की दमदार भागीदारी से बाजार संतुलन में बना हुआ है और आगे भी इसकी मजबूती बरकरार रहने की उम्मीद जताई जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
News Portal Development Services in Uttar Pradesh
Cricket Score
सबसे ज्यादा पड़ गई
Share Market

शहर चुनें

Follow Us